डायल-112 के सामने से लकडी से भरे वाहन ले जा रहे तस्कर वन विभाग की मिलीभगत , लकडकट्टों के हौंसले बुलंद -लकडी पर न हैमर का निशान न ही दस्तावेज,ग्रामीण क्षेत्रों में मिलीभगत से हो रही कटाई

उज्जैन। बडनगर तहसील में वन विभाग की मिलीभगत से लकडकट्टों के हौंसले बुलंद हैं। तस्कर इतने निर्भिक और बेखोफ हैं कि डायल-112 वाहन यानिकी पुलिस के सामने से ही लकडी से भरे वाहनों को ले जा रहे हैं। खास यह है कि लकडी पर न तो हैमर का निशान है न हीं दस्तावेज हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मिलीभगत से तहसील में जमकर वृक्षों की कटाई की जा रही है।

प्रदेश वन मुख्यालय के अनुसार 56 प्रकार की लकडियों के परिवहन को लेकर पास लिया जाना जरूरी है। उसके विपरित राजस्व क्षेत्र से लकडी की कटाई के साथ मिलीभगत के चलते पंचायतों के प्रमाण पत्र पर लकडी का अवैध परिवहन करते हुए तस्करी की जा रही है। न तो वृक्षों की कटाई की जरूरत को देखा जा रहा है न ही मौका मुआयना किया जा रहा है।

राजस्व क्षेत्र से कटाई-

बडनगर क्षेत्र में वन विभाग का क्षेत्र नहीं हैं। ऐसे में किसानों के खेतों पर खडे हरे वृक्षों की कटाई का काम जमकर चल रहा है। चंद रूपयों के लालच में किसान हरे भरे वृक्षों की कटाई करवा रहे हैं। इसमें चंद रूपयों के साथ मिलीभगत के चलते वृक्षों की कटाई हो रही है। एक आवेदन और उसके साथ चलने वाली हरी हवा से सब काम बन रहा है।

टीपी से बचने का जुगाड-

लकडी चाहे राजस्व क्षेत्र की हो या जंगल क्षेत्र की दोनों के परिवहन के लिए पास की अनिवार्यता है। परिवहन पास जारी करने का अधिकार वन विभाग को ही है। इससे बचने के लिए लकडी तस्कर ग्राम पंचायतों में सेटिंग करते हुए वहां से किसान के नाम पर लकडी चिरवाने का पत्र जारी करवा लेते हैं। इस पत्र के आधार पर लकडी ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र तक पहुंच रही है।

उज्जैन के बड़नगर तहसील में हरे-भरे पेड़ काटने का काम तेज गति से चल रहा है।

उज्जैन। लकड़ी विक्रेता लकड़ी का कारोबार करने वाले तस्करों के द्वारा भरे भरे पेड़ पौधों को काटा जा रहा है बड़नगर में अवैध लकड़ी का कारोबार जमकर फल फूल रहा है। अधिकारी सब कुछ जानकार अनजान बने हुए हैं और वनों की सुरक्षा व्यवस्था को संभालने वाले वन विभाग के जिम्मेदार और पुलिसकर्मियों के सामने से लकड़ी सप्लाई करने वाले तस्करों के वाहन आते जाते हैं।

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